Rahul Gandhi: राहुल गांधी का पुंछ दौरा! पहलगाम हमले के बाद राहुल की नई पहल, पुंछ में दर्द की सुनवाई

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले पहुंचे जहां उन्होंने पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने वहां जाकर कई परिवारों से बातचीत की और उनकी परेशानियों के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि हर जगह टूटे घर बिखरे सामान और भीगी आंखों के साथ दर्द की कहानियां हैं।
पहलगाम हमले के बाद राहुल की दूसरी यात्रा
यह राहुल गांधी की पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की दूसरी यात्रा थी। उस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पुरुष पर्यटक थे। राहुल गांधी तीन दिन बाद 25 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे थे जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उपराज्यपाल उमर अब्दुल्ला समेत कई लोगों से बातचीत की थी।
#WATCH | J&K | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi visited Gurudwara Shri Guru Singh Sabha in Poonch. The Gurudwara was damaged in cross-border shelling by Pakistan. pic.twitter.com/m8PCobO3gf
— ANI (@ANI) May 24, 2025
गुरुद्वारा मंदिर और मदरसे का भी दौरा
राहुल गांधी ने पुंछ के श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारे का दौरा किया जिसे पाकिस्तान की फायरिंग में नुकसान पहुंचा था। दौरे से पहले कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने कहा था कि राहुल गांधी गुरुद्वारा मंदिर मदरसा और एक ईसाई मिशनरी स्कूल जाएंगे। साथ ही वे पीड़ित परिवारों और सिविल सोसायटी के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
#WATCH | J&K: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi reaches Poonch.
He will be meeting the families affected by cross-border shelling by Pakistan. pic.twitter.com/yKoD8lUQ4S
— ANI (@ANI) May 24, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6 से 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से पुंछ समेत कई सेक्टरों में संघर्षविराम उल्लंघन बढ़ गया।
सीमा पर चार दिन तक चला युद्ध
7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की तोपखाना गोलाबारी मिसाइल और ड्रोन हमलों में जम्मू कश्मीर में 28 भारतीयों की जान गई। अकेले पुंछ में 13 लोग मारे गए और 70 से ज्यादा घायल हुए। पाकिस्तानी हमलों के चलते हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। आखिर 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति बनी और सीमा पर गोलीबारी रुकी।